Daandi-Kaanthi | डाँड़ी काँठी भेटण जोलू बाटू भुलि गेनी

आज जोलू भोल जोलू बरसु बीति गेनी,
डाँड़ी काँठी भेटण जोलू बाटू भुलि गेनी।

मेरु पराण मेरी पछाण जलम भूमि छे व,
धे लगान्दि गाड़-गदनि मैं मिलण भी ऐ व।

कन भचयांदी थे दादी मेरी व क़नूड फुटि गेनी,
बाच देदेइक गोला गलवाड़ा फुली गेनी।

मैन सुणि बल टूटिगे कुड़ी बल पठाली रेडी गेनी,
धीवड़ा, छिपड़ा, मूसा, बिरला सभी खोले गेनी।

आज जोलु --------------------------------------
डाँड़ी काँठी --------------------------------------

कुडा पेतर मोरा ऐतर, सोलु रिखलु भाई,
कमोली, बठगी, थाली, करछी, गदरा लुकण ग्याई।

भैंसा-बखरा, गोडा-बछला, घेणा-अणयाट धरु धार,
बाड़ा-उज्याड़, सगोड़ा-गुड़्यार बे, देखंडी त्येकु तिबार।

चुल्लु-सिलोटु, कुंडू-उल्ख्यारु, लग्यां छन बल सार,
चा बणालु, गिंजालु उठालु क्वे, लौण पिसलु अबकी बार।

आज जोलु --------------------------------------
डाँड़ी काँठी --------------------------------------

डाला-बोटा, फंगा -टुकेंडा अफु रेगेनी हालांदा,
चूली-खुमानी, अरु-अखोड़ो कि ढांग लगायीं त्वेकू लाटा।

स्वेटा-सुलयट्टा, जुड़ा-दथडा, क्वीडा सड़ी गेनी,
देँ कुटणु कु घाम बुडिगे, चौक टूटी गेनी।

खोली खुलिगे, कुण्डी झडिगे, चौक टपरान्दु,
झोंकलां-फोकला, केम्पु-हिसरुका, बाटू रगरयांदू।

आज जोलु --------------------------------------
डाँड़ी काँठी --------------------------------------

बाटा-घाटा, जग्वाल रेगिनी, रेगिनी घुघूती घुराणी,
निन्यारा तख नींनरयाट करणा, डांडी-काँठी फूटी रोणि।

भेरू-देबता, भूत-अछरी सब हाथ जोडणा त्वेकू,
ओ लठ्याला ये स्वर्ग अपड़ा, मुख जतरा कन  ऐतू।

बूढ़-भूढयों का दांत झड़ी गेन, फुली गेन सप्पा बाल,
घ्यू गलायु, हलुंगु सलयायु त्वेकु बुलोंंदी रेगी बग्वाल।

आज जोलु --------------------------------------
डाँड़ी काँठी --------------------------------------