मैं समय हूँ - I am time

मैं समय हूँ - I am time

ये पेशा मेरा महज़ तेरा इम्तिहान लेने का है, इसे दिल से न जोड़ "मैं समय हूँ"
मुझसे कभी मिलो तो दिल से मिलो, पुर्सत से तो मेरा कोई तालुख ही नहीं

रख अपने अहंकार को अपने दिमाग की दहलीज तक
दिल पे अहंकार की अगर दस्तक हुई तो वो नफरत की चिंगारी होगी मैं नहीं

सुना है मैंने आज कल तहज़ीब भी कई ऐनक पहनती है
तहजीब दूर की है कि पास की काश मापने का एक पैमाना भी होता

बेवजह ही लोग मेरी काबिलियत पर शक करते हैं, कहीं राजनीती तो कहीं कूटनीति
शायद डरते हैं अपने अस्तित्व के लिए और जला देते हैं अपना ही एक चेहरा

हैरान भी हूँ मैं और परेशान भी हूँ मैं, "मैं समय हूँ" करूँ तो मैं क्या करूँ
ये कायनात, ये नफरत, ये मजबूरी, ये तहजीब सब मेरे बिना अधूरी हैं

ऐ इंसान समझता क्यों नहीं, तू मिट्टी है कब तक लड़ता रहेगा मिट्टी से
घर बना, गाडी बना किसीको दुश्मन न बना "मैं समय हूँ" मुझे साजिस न बना

मुझे कमजोर न समझ, मुझे खुदा न समझ, न तकदीर समझ न कोई तस्वीर समझ
जा समझ उस खंडहर हुए घर के आँगन में क्यों एक बूढा पेड़ आज भी हरे पत्ते रखता है

तुझसे शिकायत तो मुझे बहुत है, पर उम्मीद कई ज़्यादा, क्योंकि तू एक पेड़ तो नहीं
तू चल, तू भाग, तू उड़ पर रुक तो नहीं, क्योंकि तू मेरा ही एक प्रतिबिंब है

तू ध्यान है, तू ज्ञान है, तू विजय है, तू सम्मान है, तू कर्म है तू ही फल भी, तू इंसान है और तू ही समय भी
तू जी भरकर खर्च कर मुझे ऐ मेरे बटे, पर अफ़सोस मुझे ये है कि मैं हमेशा के लिए तेरा नहीं हूँ

वरुण पंवार

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